अक्सर मुझसे पूछा जाता है कि जाकिर नाइक ही क्यों मेरे निशाने पर रहता है .मेरी साईट पर प्रायः इस्लाम के प्रतिकूल सन्दर्भ उस इस्लामिक ब्रांड से संबंधित हैं जो जाकिर नाइक और उसके चेलों द्वारा फैलाया जा रहा है. अन्य धर्म और सम्प्रदायों से भी हमारे बौद्धिक मतभेद हैं. उनके साथ हमारे तर्क और वाद-विवाद उसी सौहार्द के साथ होते हैं – जैसा कि एक परिवार के सदस्यों के बीच होने वाला विचार-विमर्श . और विद्वानों के बीच ऐसे विचार-विमर्श सत्य का ज्ञान होने के लिए आवश्यक भी हैं .लेकिन जाकिर नाइक उन में से एक है -जो आज मानवता के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं.मैं उसे ओसामा से भी बड़ा आतंकी मानता हूँ .क्योंकि ओसामा बिन लादेन आतंकी कारनामों को संचालित करता है और जाकिर नाइक ऐसे ओसामाओं का निर्माण करने के लिए ‘प्रजनक’ (ब्रीडर) का कार्य कर रहा है. यह बहुत ही शर्मिंदगी और बेअक्ली की बात है कि ऐसे विक्षिप्त और मानवता के दुश्मनों को अपनी घृणा और विद्वेष का जहर फ़ैलाने की इस देश में पूरी आज़ादी है.
पहले भी कई लेखों में हम जाकिर नाइक की दलीलों और विचारधारा की पोल खोल चुके हैं.उसके निर्लज्ज दोगले मापदंडों का खुलासा भी किया जा चुका है.इस लेख में हम उसे आतंकी मानने के कारणों पर गौर करेंगे.अब से मैं उसे आतंकी नाइक से ही संबोधित करूँगा.
१ .जाकिर नाइक ने ओसामा को किसी भी आतंकी कारनामें के लिए गुन्हेगार नहीं माना .उसका कहना है कि क्योंकि वह ओसामा से मिला नहीं है, इसलिए उसे नहीं पता ओसामा आतंकी है भी या नही !
-क्या ओसामा को जानने के लिए उससे मिलना आवश्यक है ?क्या एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानने के लिए समझौते करने लाजमी हैं?
-ऐसे कितने लोगों को जिन पर वह टिका -टिप्पणी करता रहता है असलियत में जानता है?उसके मुताबिक इतिहास में सब से ज्यादा नरसंहार हिटलर द्वारा किया गया.जबकि वास्तविकता यह नहीं है .मुस्लिम आक्रान्ताओं ने (कासिम से लेकर खिलजी -तुगलकों का शासन -बाबर -अकबर -औरंगजेब और मुस्लिम लीग इत्यादि तक )भारतवर्ष में बहुत ही बड़ी संख्या में लोगों का कत्ल,बलात्कार और अत्यंत पाशविक अत्याचार किये.क्या जाकिर नाइक हिटलर से मिलने के बाद यह वक्तव्य दे रहा है? उसकी जानकारी की कुछ वेबसाइटस के हवाले से वह कहता है कि पिछले कई दशकों के प्रमुख आतंकवादी हमले गैर – मुस्लिमों द्वारा किये गए हैं. क्या वो उनसे मिल चुका था ?जो यह टिप्पणी कर रहा है.
-जाकिर नाइक आतंकी के रूप में ओसामा को पेश करने के लिए मीडिया को दोषी मानता है . और उसका कहना है कि सच्चाई किसी को भी ज्ञात नही है.पर उसके (जाकिर नाइक) द्वारा टिप्पणी की गयी अन्य घटनाएँ भी मीडिया रिपोर्टित ही थीं . २००१ के गुजरात दंगों के अतिरंजित दावे मीडिया रिपोर्टित ही थे.जिस पर वह पूरा यकीन करता है, क्यों ?
-अंतिम बचाव में वह कहता है कि अगर ओसामा अमेरिका को आतंकित कर रहा है -जो कि एक आतंकी राष्ट्र है -तो वह (जाकिर नाइक )ओसामा के साथ है और मुस्लिमों से उसकी अपील है कि आतंकी को डराने के लिए आतंकी बनों ! जाकिर नाइक का अमेरिका को आतंकी करार देने का यह निष्कर्ष किन सबूतों पर आधारित है?
-जाकिर कभी भी इस बात को नहीं कहेगा कि यदि ९/११ की आतंकी वारदात को ओसामा ने ही अंजाम दिया है -जैसा कि मीडिया में दिखाया गया.तो वह ओसामा को भ्रष्टतम पापी मानेगा.बड़ी सरलता से उसका जवाब है -मैं नही जानता!
-ओसामा द्वारा अपने आतंकी मंसूबों का ऐलान करने के लिए दिए गए साक्षात्कारों को भी जाकिर जानबूझकर अनदेखा करता है.लेकिन वह इस बात पर आश्वस्त है कि अमेरिका आतंकी है !क्या व्हाइट हाउस और सी आई ए में उसने अपने भेदिये रखे हैं ? यदि ऐसा निकल भी आये तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है .आखिर किसी अन्तरंग व्यक्ति की मिलीभगत के बिना ९\११ जैसे हमले संभव ही नहीं हैं-जैसा कि वह खुद भी मानता है.
-ओसामा के बारे में उसके मंतव्य इस प्रचलित विडियो में स्पष्ट हो जाते हैं .शायद आप में से अधिकांश इसे पहले ही देख चुके हों .आतंकी नाइक के ऐसे अन्य विडियोज को भी खोजें.
-संक्षेप में ,यदि ओसामा कुरान -आतंकवाद की नियम पुस्तिका (मैनुअल ) के अनुसार ही कार्य कर रहा है , तो जाकिर ओसामा के साथ है. भले ही सारी दुनिया इसके विपरीत हो !
इसकी वजह साफ़ है जैसा अन्य इस्लामिक विद्वानों को देख कर भी समझ में आता है कि जब तक अवैध रूप से धन की आवक न हो , तो कोई भी इतना’ बड़बोला और विलासित प्रचारक ‘ नहीं बन सकता है.यहाँ दिए गए अन्य विडियो में इसे देखा जा सकता है.
२.मुस्लिम देशों में गैर -मुस्लिमों के दर्जे के बारे में वह कहता है -मुस्लिम देशों में गैर -मुस्लिमों को धर्म -प्रचार से रोका जाना चाहिए क्योंकि यह शरीयत और कुरान के ख़िलाफ़ है .जबकि वह खुद गैर -मुस्लिम देशों में मुस्लिमों के बिना किसी रोक-टोक के धर्म-प्रचार करने का जोरदार समर्थन करता है.
उसके इस दुहरे तर्क के अनुसार :-
-इस संसार में अल्लाह की एकमात्र और सर्वश्रेष्ठ पुस्तक होने का दावा सिर्फ इस्लाम का धर्म ग्रंथ ही करता है.
चूँकि अन्य पुस्तकें इस बेशर्मी से अपना गुणगान नहीं करती हैं -यह उनकी कमी है !
अतः इस्लाम के अनुसार मुस्लिम देश गैर-मुस्लिमों की विचार सारणी को मान्य ही नहीं कर सकते .पर, क्योंकि अन्य देशों में ऐसे धर्म ग्रंथ (कुरान) नही हैं -उन्हें इस्लाम स्वीकार कर लेना चाहिए !
क्योंकि, भारत जैसे देश धर्मनिरपेक्ष हैं , इसलिए वहां इस्लाम के प्रचार -प्रसार पर रोक नहीं लगायी जा सकती है. और जाकिर नाइक के मतानुसार इस्लाम तो धर्मनिरपेक्षता से भी बेहतर है ! इस के आगे जाकर वह यह भी कहता है कि यदि गैर-मुस्लिम अपने धर्मों के प्रति इतने ही आश्वस्त होते तो उन्होंने पहले ही अपने देशों में अन्य धर्मों के प्रचार का निषेध कर दिया होता !!!
यह ऐसा ही है -चित हम जीते ,पट तुम हारे .इस तरह मुसलमानों कि हर हाल में जीत है :-
-यदि भारतवर्ष हिन्दू राष्ट्र बन भी जाता है , तो हिन्दू धर्म के ग्रंथ किसी की भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नहीं नकारते .परिणामतः मुसलमानों को अनुमति है कि वे प्रचार करें .वैसे भी धर्मनिरपेक्ष होने के कारण भारत में मुसलमानों को प्रचार की कानूनन छूट है.
-यदि कल भारतवर्ष की जनसँख्या मुस्लिम बहुल हो जाए और यहाँ शरीयत लागू कर दी जाय , तो गैर-मुस्लिमों का धर्म-प्रचार का अधिकार समाप्त हो जाएगा ,क्योंकि शरीयत के मुताबिक सिर्फ मुस्लिम ही धर्म – उपदेश का अधिकार रखते हैं.
http://www.youtube.com/watch?v=rHpd2T7mi5c
क्या यह धर्मान्धता की चरम सीमा नही है ?
जो मुसलमान इस्लामी देशों में धर्मच्युत हो गए हैं या जिन्होंने इस्लाम से नाता तोडा है जाकिर नाइक उनके कत्ल का स्पष्टतया समर्थन करता है.
उसका यह कथन तो अतिशय जनूनी है की :-
शरीयत और इस्लाम के कानून सर्वोत्तम हैं.
शरीयत के मुताबिक , जो इस्लाम को छोड़कर जाते हैं वे गद्दार हैं.बहुत से देशों में जो गद्दार अपने देश के रहस्यों को बाहरी व्यक्तियों को सौंप देते हैं , उनको गद्दार होने के कारण मौत की सजा का प्रावधान है. इसी कथन (तर्क) से इस्लाम गद्दार को सजा -ए-मौत देता है.
-जहाँ तक गैर – इस्लामी मुल्कों का सवाल है ,वहां शरीयत का चलन नही है. और वहां उनके धर्मनिरपेक्ष होने से वे ऐसी सज़ा नही दे सकते.इन देशों में यदि कोई चाहे तो मुसलमान बन सकता है ,किन्तु इस्लामी देशों में इस के विपरीत बात नहीं हो सकती ! (इस्लाम छोड़ना मुसलमान की मर्जी पर निर्भर नहीं है.)
पुलिस संरक्षण में इससे ज्यादा आतंकवाद को प्रोत्साहन देने के भाषणों के बारे में कभी सुना नहीं गया.देखिये वह किस मूर्खता से इस्लाम (की जीवन पद्धति )से नाता तोड़ने को राष्ट्र के रहस्य उजागर करने से बराबरी करता है. यह उदाहरण मुस्लिम कठमुल्लाओं की मनोवृत्ति को सही रूप में दर्शाता है –
-जाहिर तौर पर जिसे इस्लाम के रूप में प्रचारित किया जाता है, वहा वास्तव में इस्लाम है ही नहीं . इस्लाम में मतपरिवर्तन के बाद ही जब रहस्यों को खोल दिया जाता है तभी किसी को वास्तविक इस्लाम का बोध हो सकता है.
यह रहस्य इतने खतरनाक हैं कि इनका सामान्य जनता के सामने प्रकट हो जाना इस्लाम के लिए नुकसानदेह हो सकता है.इसीलिए गद्दार को तुरंत मार देना जरूरी है !
-‘ धर्म कि बात पर कोई पाबन्दी नहीं ‘ वाला जो सिद्धांत है, वह केवल गैर -मुस्लिम क्षेत्रों में लागू है.जिस क्षण वहां मुस्लिम बहुमत में हो जाते हैं ,वहां इस्लाम एक गुन्हाहित माफिया (क्राइम माफिया )के बराबर होता है.उस में यदि कोई चाहे तो प्रवेश कर सकता है किन्तु बाद में अपनी मर्जी से अपनी जिंदगी अपने तरीके से जी कर जिन्दा नहीं रह सकता !
यहाँ दिए गए विडियोज को देख कर आप स्वयं निर्णय कर सकते हैं.
प्यारे गैर-इस्लामी काफिरों, आप लोगों के लिए जाकिर नाइक जैसे जनूनी लोगों के इरादे बहुत ही स्पष्ट हैं इस्लाम के आदेशानुसार उनको किसी भी कीमत पर इस्लाम का प्रचार करना ही है.जिस के लिए वे निम्न चालें चलते हैं :-
-यदि उनके पास जरूरी संख्या नहीं है या सत्ता का अभाव है, तो इस बात का रटन किया करें कि इस्लाम केवल शांति और प्रेम के लिए है.इस्लाम में कोई पाबन्दी और हिंसा के लिए स्थान नहीं है -यह बताने के लिए केवल आधी-अधूरी और रद्द की हुई आयतों पर जोर दिया जाय .
उसके लिए झूट और छल का सहारा लेना पड़े तो वह भी करना चाहिए .क्योंकि झूट और छल को इस्लाम में जायज माना गया है.ऐसा छल करते हुए भी आप इससे (छल ) से इंकार कर सकते हैं .(यह नहीं करते ऐसा कह सकते हैं ! )
-सहधर्मी मुसलमान ओसामा जैसा आतंकी हो तब भी उसकी भर्त्सना नहीं करें .केवल उसके बारे में अनभिज्ञ बनें रहें .(उसको जानते ही न हों, ऐसा बताएं ! )
-अंतराल में उन्हीं से मिलकर काम किया करें और सभी अवैध स्त्रोतों से बहुत ही बृहद प्रचार की सामग्री के लिए धन जमा करें.
-ऊपर लिखे गए सभी दाव-पेंचों का इस्तेमाल करके जमीनी -स्तर पर अत्यंत विस्तृत धर्म परिवर्तन करें.
-धर्म परिवर्तन को बढ़ाने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम अपनाएं और सशस्त्र लडाई के लिए भी तैयार रहें.
-जब भी मौका मिले ,घात लगायें ,हमला करें और दहशत फैलाएं.
-जब ताकत मिले तो एक ओर से बलात धर्म -परिवर्तन को आगे बढ़ाएं और धर्मच्युत होने पर मृत्युदंड दें और बलात्कार करें और लूटें जैसा कि हजार साल तक मुस्लिम आक्रान्ताओं ने बर्ताव किया था.
-याद रखिये कि जाकिर नाइक का इस्लाम केवल मात्र धर्म नहीं है,इसका आध्यात्मिकता से ज्यादा लेना-देना भी नहीं है.बल्कि यह तो वैश्विक राजकीय सत्ता हथियाने की साजिश है.इसलिए यह आतंकवाद की नियम पुस्तिका और हदीस और तफ़सीर जैसी अन्य पुस्तकों के मुताबिक कार्य करता है.इन जनूनी मुसलमानों के अनिवार्य खतरों को देखते हुए सभी गैर-मुसलमानों को उनसे निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए.और सभी विवेकशील मुसलमानों को द्विविध रास्ते अपनाने चाहियें :-
-१. इस्लाम को छोड़ें और सनातन वैदिक धर्म की ओर मुड़ें ताकि जनूनी इस्लामियों की संगती में होने के दोष से छुटकारा मिले और वास्तव में मुक्त और अध्यात्मिक जीवन क्या है उस की अनुभूति हो ! साथ ही जाकिर नाइक और ओसामा जैसे धर्मजनूनी लोगों के खतरनाक मंसूबों पर भी पानी फेरा जा सकेगा.आखिर यह उनके लिए आंकड़ों का ही तो खेल है !
२.जहाँ जितना संभव हो जाकिर नाइक का विरोध करें , आतंकियों का भी जितना हो सके विरोध करें
क्योंकि यह सारी टिप्पणीयां राजकीय विचार -सारणी से प्रेरित हैं और संभवतः लोगों की आँखों में धूल झोंक कर मूर्ख बनाने के लिए की जाती हैं.
इस्लाम से धर्मच्युत या इस्लाम से विमुख होकर मूल धर्मों में परावर्तन कर चुके लोगों की हत्याओं की हार्दिक भर्त्सना करने के लिए अत्यंत प्रचुर मात्रा में विरोध प्रकट करें .
यह अपने अस्तित्व का सवाल है .हमारे पास बम और आधुनिक हथियार अब तक न थे , इसलिए हम मुस्लिम लुटेरों के अत्याचार सहते आये .यदि हम अब भी खड़े नही हुए और आने वाले खतरों के प्रति सचेत न हुए तो अब तो करो या मरो की स्थिति है.
बहुत सारे युवा आतंकियों के लिए जाकिर नाइक उनका आदर्श है.हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए ताकि इन बन बैठे पैगम्बर और उनके पीछे छिपी हुई माफिया के बदइरादों को परास्त किया जा सके.हम सब एकजुट होकर इन जनूनी तत्वों का पर्दा फाश करें और समाज को शांति, सदभाव और समता की ओर अग्रसर करें .जितना जल्दी हो सके, यह करना चाहिए . Peace TV में २००८ में यह घोषणा की गयी थी कि आने वाले पाँच वर्षों में वो हिंदुस्तान को दारुल इस्लाम बनायेंगे. और उनके इस हजार साल के स्वप्न पर उन्होंने सभी मोर्चों पर आक्रामकता और क्रमबद्धता से कार्य करना शुरू कर दिया है .मुझे यह मालूम नहीं है कि कहाँ तक ये आतंकी- प्रचारक- भ्रष्ट -सिकुलर (sickular)- गद्दार-माफियाओं की शृंखला पहुँचती है. और उसके क्या प्रभाव हो सकते हैं .किन्तु यह तो मुझे पता है यदि हम शीघ्रता से होशियारी से और दृढ़ता से खड़े नहीं होते और काम करना शुरू नही करते तो हमारे अस्तित्व पर ही प्रश्न चिन्ह लग सकता है
अतिशीघ्र ही सत्य और शांति की स्थापना हो !
For original post in English, visit Zakir Naik – the mentor of terrorists
Every single word of yours is true .pls keep up good work. I’m so happy to see this website.
kya zakir ji ne muahammad ji aur kalpit allah ka sakshaatkaar kiya tha jo usko 100% svikaar karate hai
Sold out media and ignorance planned buy congress has made indians not develope power to think.
[…] जाकिर नाइक -आतंकियों का प्रश्रयदाता […]