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अकबर मार्ग का नाम महाराणा प्रताप मार्ग क्यों किया जाना चाहिए?

1. क्योंकि अकबर एक तुर्क आक्रान्ता था और महाराणा प्रताप भारतीय स्वतंत्रता के योद्धा थे.

2. क्योंकि अकबर – बाबर, तैमूर और चंगेज़ ख़ां इत्यादि जैसे सामूहिक हत्यारों की वंश परंपरा का संवाहक था जबकि महाराणा की पैतृक परंपरा उन बाप्पा रावल और राणा सांगा जैसे महावीरों की है जिन्होंने अकबर के बाप-दादाओं से भारतवर्ष की रक्षा की थी.

3. क्योंकि अकबर ने अपने हरम में पांच हजार स्त्रियों को सेक्स के लिए गुलाम बनाकर रखा था. जिन्हें दशकों तक अकबर के बलात्कार और क्रूर यातनाओं का शिकार होना पड़ा. इसके विपरीत महाराणा प्रताप एक भारतीय मर्यादा के पुरुष थे जो ‘मातृवत् परदारेषु’ के आर्दश पर चलते थे. उन्होंने कभी किसी स्त्री के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया, न ही उनका कोई हरम था.

4. क्योंकि अकबर हिंदू स्त्रियों का अपहरण कर जबरदस्ती उनसे शादी कर लेता था या उन्हें अपनी रख़ैल बनाकर रखता था. जबकि महाराणा तो युद्ध बंदी स्त्रियों को भी ‘माता’ कह कर पुकारते थे और उन्हें उपहार देकर ससम्मान वापस उनके घर विदा किया करते थे.

5. क्योंकि अकबर उसके हरम में मौजूद स्त्रियों की संख्या से जाना जाता था जबकि महाराणा प्रताप उनके भाले के वज़न के लिए प्रसिद्ध थे.

6. क्योंकि अकबर ने हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने का काम किया, उसने भगवान एकलिंग जी की प्रतिमा को खंड़ित कर वहां नमाज पढ़ने का चबूतरा बनावाया, जब कि महाराणा ने अपने पूरे जीवन में एक भी मस्जिद नहीं तोड़ी.

7. क्योंकि रणथंभौर की संधी में अकबर की पहली शर्त यह थी कि सैनिकों की रिहाई के बदले में राजपूत अपनी स्त्रियों की ड़ोलियां अकबर के शाही हरम में भेजें. महाराणा ने इस धूर्त की इस कमीनी मांग को सिरे से खारिज करते हुए, एक भी स्त्री की ड़ोली अकबर को देने से मना कर दिया. यही हल्दीघाटी के युद्ध का कारण था. निस्सहाय स्त्रियों के जीवन और उनके सम्मान की रक्षा के लिए महाराणा ने अपनी सेना से संख्या में कहीं अधिक बड़ी फौज़ से कई बार लोहा लिया.

8. क्योंकि अकबर हिंदू काफ़िरों पर अपनी जीत का उत्सव मनाने के लिए, उनके कटे सिरों की मीनार बनवाया करता था. तारीख़- 2 सितंबर 1573, अकबर ने अहमदाबाद में दो हजार कटे सिरों की मीनार बनवाई. इसके विपरीत महाराणा ने कभी अपने शत्रु के शवों को इस तरह अपमानित नहीं किया.

9. चितौड़ का किला जीतकर अकबर ने एक ही दिन में स्त्रियों और बच्चों सहित तीस हजार निहत्थे लोगों का कत्ल करवाया. इतनी भारी तादाद में हुई हत्याओं ने तो उसके बाप-दादाओं द्वारा एक ही दिन में करवाई गई हत्याओं को भी पीछे छोड़ दिया. दूसरी तरफ़, इतिहास में महाराणा द्वारा किसी निःशस्त्र व्यक्ति पर हाथ उठाए जाने का कोई उदाहरण नहीं मिलता. महाराणा तो सैनिकों पर भी तभी प्रहार करते थे जब उनके हाथों में तलवारें हुआ करती थीं.

10. क्योंकि अकबर मरणासन्न शत्रु राजाओं और सैनिकों को पीने के लिए पानी जूते में भरकर दिया करता था. जब कि महाराणा ने अपने शत्रु शक्ति सिंह को माफ़ी के उपरांत गले से लगा लिया था.

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11. अकबर ने अपने एक नौकर को महज इसलिए नीचे फेंक दिया था, क्योंकि उस बेचारे ने अकबर के पलंग के पास सोने की गलती की थी. दूसरी तरफ महाराणा भीलों और प्रजा के अन्य सामान्य लोगों के साथ बैठकर भोजन भी किया करते थे.

12. क्योंकि अकबर पक्का शराबी, अफ़ीमची, गंजेड़ी, नशेड़ी था. जब कि महाराणा ने कभी किसी नशे को हाथ नहीं लगाया.

13. क्योंकि अकबर सभी छोटी जागीरों के राजाओं, सामंतों, सैनिकों और प्रजा के अन्य लोगों से सिर झुकवाकर अपना आदर करवाया करता था. जबकि महाराणा ने कभी किसी का सिर अपने सामने नहीं झुकवाया और न ही वह स्वंय कभी अकबर के सामने झुके.

14. क्योंकि अकबर एक मतांध मुसलमान था, जिसने प्रयागराज को इलाहाबाद में बदल दिया, यहां तक कि हल्दी घाटी के युद्ध में हड़पे गए महाराणा के हाथी “राम प्रसाद” का भी नाम बदल कर, उसने पीर प्रसाद कर दिया. जबकि महाराणा ने कभी किसी का धर्म नहीं बदला – चाहे कोई व्यक्ति हो, कोई नगर हो या फ़िर कोई जानवर ही क्यों न हो!

15. क्योंकि मानसिंह की बहन से शादी करने के वर्षों उपरांत अकबर ने मानसिंह की पोती को भी अपने हरम में बलात् शामिल कर लिया था. दूसरी तरफ महाराणा अपनी प्रजा की बहन-बेटियों का पालन भाई समान तथा पितृवत् किया करते थे.

16. क्योंकि अकबर उस गज़वा-ए-हिंद का हिस्सा था, जिस में एक पवित्र (?) किताब के आदेश पर इस्लामिक ताकतों द्वारा सभी मूर्तिपूजकों – पुरुषों और स्त्रियों को कत्ल कर दिया जाता था या इस्लाम ग्रहण करने पर मजबूर किया जाता था और स्त्रियों का बलात्कार कर उन्हें गुलाम बनाया जाता था. इस तरह भारतवर्ष पर खूनी विजय हासिल की जाती थी. महाराणा उन में से एक थे जिन्होंने इन गज़वा जिहादी चूहों को नाकों चने चबवा दिए थे और प्रत्येक भारतीय के जीवन को सुरक्षा प्रदान की थी.

17. क्योंकि इस दुष्ट दुराचारी अकबर पर काफ़ी धारावाहिक और फिल्में बन चुकी हैं परन्तु महाराणा पर बनने वाली फिल्मों और धारावाहिकों की संख्या कम ही रही है.

18. क्योंकि शेरों को याद किया जाता है, सूअरों को नहीं.

19. क्योंकि आप नहीं चाहेंगे कि आप की आनेवाली पीढ़ियां ऐसे नर पिशाचों का गुणगान करें, जिन्होंने अन्यों को लूट, बलात्कार और आक्रमण की शिक्षा ही दी है, परन्तु आप यह जरूर चाहेंगे कि आप के बच्चे उन वीर योद्धाओं का गौरव गान करें – जो आईएसआईएस और अकबर जैसे – आपकी स्त्रियों, आपकी जिंदगी और आपके राष्ट्र पर बुरी नज़र रखने वाले राक्षसों की कब्र खोदना सिखाते हैं.

20. क्योंकि इस से भारतवर्ष के अन्य मार्गों और स्थलों के नाम जो – बाबर, लोधी, शाहजहां, जहांगीर, शेरशाह सूरी इत्यादि जैसे बलात्कारियों के नाम पर रखे हुए हैं, उनके बदले जाने का मार्ग भी प्रशस्त होगा.

कृपया ध्यान दें कि यहां प्रस्तुत सभी तथ्य – अबुल फ़ज़ल ( अकबर के नवरत्नों में से एक और इतिहासकार) द्वारा लिखित – आईने अक़बरी और अक़बरनामा, विंसेंट स्मिथ की पुस्तक – अकबर द ग्रेट मुगल तथा अन्य प्रसिद्ध इतिहासकारों की रचनाओं से लिए गए हैं.

– वाशी शर्मा


वाशी शर्मा एक सम्माननीय वैज्ञानिक हैं। अंतराष्ट्रीय स्तर पर उनके कई शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने आईआईटी बाॅम्बे से डाक्टरेट की उपाधी प्राप्त की है। वे नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय में वैज्ञानिक हैं। वे एन आई टी जयपुर में पढाते हैं। कान्सन्ट्रेटर ऑप्टीक्स में उन्हें महारत हासिल है। सौर उर्जा के उत्तम तरीके से उपयोग पर वह काम करते हैं।

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