नमः संस्कृताय मित्राणि ! अद्यत्वे शैत्यं निरन्तरं वर्द्धते, न वा ?
तो कल के पाठ में आपने यह जाना कि किसी भी वाक्य में क्रिया का होना अनिवार्य है और उस क्रिया के सम्पादन में जितने भी कारण होते हैं वे “कारक” कहे जाते हैं। एक श्लोक के माध्यम से छहों कारकों का नाम भी बताया था। आपको वह श्लोक अवश्य याद हो गया होगा। चलिए एक बार फिर याद दिला देते हैं-
“कर्त्ता कर्म च करणं सम्प्रदानं तथैव च ।
अपादानाधिकरणम् इत्याहुः कारकाणि षट् ॥”
अब इन छह “कारकों” और “सम्बन्ध” के विषय में समझाते हैं। यह भी बताएँगे कि किस कारक के लिए किस विभक्ति का प्रयोग होता है। सम्बोधन को छोड़कर सात विभक्तियाँ होती हैं- यह तो आप जानते ही हैं।
1] कर्त्ता = जो क्रिया को करने में स्वतन्त्र होता है उसे कर्त्ता कहते हैं अर्थात् यह सीधा सीधा क्रिया को सम्पादित करता है। “जो करता है वही कर्त्ता।” जैसे- कृष्णः खेलति – इसमें “खेलना” क्रिया को कृष्ण कर रहा है, इसलिए “कृष्ण” “कर्त्ता कारक” हुआ। कल वाले उदाहरण में- “डोनाल्ड ट्रम्प बाग में पेड़ से डण्डे से नरेन्द्र मोदी के लिए फल तोड़ता है।” इस वाक्य में “तोड़ना” क्रिया कौन कर रहा है ? उत्तर है- डोनाल्ड ट्रम्प, यही इस वाक्य में कर्त्ता है।
2] कर्म = जिस पदार्थ के लिए कोई क्रिया की जाती है वह पदार्थ ही उस क्रिया का कर्म होता है। जैसे – “डोनाल्ड ट्रम्प फल तोड़ता है” इसमें “तोड़ना” क्रिया “फल” के लिए की जा रही है इसलिए फल “तोड़ना” क्रिया का “कर्म” हुआ।
3] करण = क्रिया की सिद्धि में जो चीज कर्त्ता की सबसे अधिक सहायक होती है वही “करण” है। “डोनाल्ड ट्रम्प डण्डे से फल तोड़ता है।” डोनाल्ड ट्रम्प कर्त्ता है और उसकी सबसे सहायक चीज है डण्डा, इसलिए “डण्डा” करण हुआ।
4] सम्प्रदान = जिसके लिए क्रिया की जाती है तथा जिसको कोई वस्तु दी जाती है उसे “सम्प्रदान” कहते हैं। “डोनाल्ड ट्रम्प नरेन्द्र मोदी के लिए फल तोड़ता है” इसमें “तोड़ना” क्रिया नरेन्द्र मोदी के लिए की जा रही है इसलिए नरेन्द्र मोदी “सम्प्रदान कारक” हुआ।
5] अपादान = किसी वस्तु के दूसरी वस्तु से अलग होने की क्रिया में जो वस्तु स्थिर रहती है उसे ही “अपादान” कहते हैं। “डोनाल्ड ट्रम्प पेड़ से फल तोड़ता है” – पेड़ से फल अलग हो रहा है किन्तु पेड़ स्थिर है, इसलिए स्थिर वस्तु “पेड़” “अपादान” हुआ।
6) *सम्बन्ध = इसे कारकों में नहीं गिना जाता क्योंकि क्रिया के सम्पादन में इसकी कोई भूमिका नहीं रहती। कल इसके विषय में बताया था, आपको याद होगा।
7] अधिकरण = क्रिया जिस स्थान पर सम्पन्न होती है उस स्थान को “अधिकरण” कारक कहा जाता है। “डोनाल्ड ट्रम्प बाग में फल तोड़ता है” इसमें “तोड़ना” क्रिया “बाग में” हो रही है इसलिए “बाग” “अधिकरण” कारक हआ।
सम्बन्ध को मिलाकर ये कुल सात चीजें हो गईं। विभक्तियाँ भी सात ही होती हैं। इन सातों के लिए अलग-अलग एक-एक विभक्ति निर्धारित कर दी गई है। देखिए-
1] कर्त्ता = प्रथमा विभक्ति
2] कर्म = द्वितीया ”
3] करण = तृतीया ”
4] सम्प्रदान = चतुर्थी ”
5] अपादान = पञ्चमी ”
6] सम्बन्ध = षष्ठी ”
7] अधिकरण = सप्तमी ”
*सम्बोधन में भी प्रथमा विभक्ति ही होती है किन्तु शब्द के रूप में प्रायः कुछ परिवर्तन दिखाई देता है। जैसे – रामः = हे राम ! (विसर्ग लुप्त हो गये)।
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कल हमने आपको एक बहुत सुंदर श्लोक बताया था-
रामो राजमणिः सदा विजयते रामं रमेशं भजे
रामेणाभिहता निशाचरचमू रामाय तस्मै नमः ।
रामान्नास्ति परायणं परतरं रामस्य दासोऽस्म्यहं
रामे चित्तलयः सदा भवतु मे हे राम मां पालय ॥
इसमें “राम” शब्द के एकवचन में सभी विभक्तियों का प्रयोग किया गया है । देखिए –
1] रामः राजमणिः सदा विजयते।
2] रामं रमेशं भजे।
3] रामेण अभिहता निशाचरचमू।
4] रामाय तस्मै नमः ।
5] रामात् नास्ति परायणं परतरम्।
6] रामस्य दासः अस्मि अहम्।
7] रामे चित्तलयः सदा भवतु मे ।
8] हे राम ! मां पालय ।
कल हम आपको वाक्य में कारक पहचान कर उनमें विभक्तियाँ लगाना बताएँगे। इससे आपको अभ्यास हो जाएगा। उपर्युक्त श्लोक का अर्थ भी बताएँगे। आप लोगों को कहीं कोई समस्या हो तो टिप्पणी करके निःसंकोच पूछिएगा। तब तक के लिए नमो नमः !!
॥शिवोऽवतु॥
– श्यामकिशोर मिश्र
Youtube playlist – Learn conversational Sanskrit
https://www.youtube.com/watch?v=vnYVuUNIdFU&list=PLZ-eHlXDJJxyd-8oSOcYhYqPmTOqHPIWQ
very good lesson. Appreciating your efforts.
Thanks a lot