UPI - agniveerupi@sbi, agniveer.eazypay@icici
PayPal - [email protected]

Agniveer® is serving Dharma since 2008. This initiative is NO WAY associated with the defence forces scheme launched by Indian Govt in 2022

UPI
agniveerupi@sbi,
agniveer.eazypay@icici

Agniveer® is serving Dharma since 2008. This initiative is NO WAY associated with the defence forces scheme launched by Indian Govt in 2022

ताज महलः एक ज्योतिर्लिंग मंदिर-सौ प्रमाण (भाग चार)

This entry is part [part not set] of 14 in the series ताज महल - एक ज्योतिर्लिंग मंदिर

यूरोपियन प्रवासियों के वृत्तांत

25. टैवर्नियर नामक एक फ्रेंच जौहरी ने अपने यात्रा संस्मरणों में यह लिखा है कि शाहजहां ने जान-बूझकर मुमताज़ को ताज-इ-मकान (ताज की इमारत) के निकट दफ़नाया. क्योंकि वहां विदेशी पर्यटक आया करते थे – जैसा कि आज भी आते हैं, ताकि संपूर्ण विश्व के लोग उसे देखें और उसकी प्रशंसा करें. उसने यह भी लिखा है कि ताज की संपूर्ण लागत की अपेक्षा मचान बनाने का खर्च अधिक था. तेजो महालय शिव मंदिर में जिस काम का आदेश शाहजहां द्वारा दिया गया था, वह था – बहुमूल्य मूर्तियों, सामानों और संपत्ति की लूट-पाट करना, शिव प्रतिमाओं को उखाड़ फेंकना और उसकी जगह दो मंजिलों पर कब्रें जड़ना, उनकी कमानों में कुरान की आयतें खुदवाना और ताज की सात में से छः मंजिलों को दीवार चिनवा कर बंद करवाना आदि. यही लूट और मंदिर को अपवित्र करने का काम ताज के कक्षों में चल रहा था, जिस में बाईस वर्ष लग गए.

26. पीटर मंड़ी नामक एक अंग्रेज प्रवासी सन् 1632 में (मुमताज़ की मृत्यु के एक वर्ष के भीतर ही) आगरा आया था. उसने आगरा और उसके आस-पास के दर्शनीय स्थलों में ताज-ए-महल की कब्र, बगीचों और बाजारों का जिक्र किया है. अतः उस की इस बात ने इसकी पुष्टी की है कि ताज महल शाहजहां से पूर्व ही एक उल्लेखनीय इमारत थी.

27. एक ड़च अधिकारी दि लायट ने उल्लेख किया है कि शाहजहां से पूर्व ही आगरा किले से एक मील की दूरी पर एक भव्य मानसिंह महल नामक इमारत विद्यमान थी. शाहजहां के दरबारी रोजनामचे बादशाहनामा में इसी मानसिंह महल में मुमताज़ को दफ़नाने का जिक्र किया गया है.

28. तत्कालीन फ्रेंच पर्यटक बर्नियर ने लिखा है कि मानसिंह महल शाहजहां द्वारा हथिया लेने के बाद से उसके तहखाने में किसी भी गैर-मुस्लिम के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई. वह तहखाना प्रकाश से चकाचौंध रहा करता था. स्पष्ट है कि उसका इशारा चांदी के द्वारों, सोने के जंगलों, रत्न जड़ीत झिलमिल जालियों, शिव मूर्ति पर लटकने वाली मोती की लड़ियों इत्यादि की तरफ था. शाहजहां ने मुमताज़ की मृत्यु का आसान बहाना बनाकर छल से इस सारी संपत्ति को हड़प लिया था.

29. जाॅन अल्बर्ट मण्ड़ेलस्लो ने सन् 1638 (मुमताज़ की मृत्यु के सात वर्ष पश्चात्) के अपने प्रवास के दौरान आगरा के जीवन का विस्तार से वर्णन किया है. उसने यह वर्णन ‘Voyages and Travels to West Indies’ – जाॅन स्तार्कि और जाॅन बेस्सेट लंदन द्वारा प्रकाशित निजी पर्यटन संस्मरणों में किया है. परन्तु उस में ताज के निर्माण का कोई उल्लेख नहीं है. जबकि सामान्यतः ऐसा माना जाता है और जोर देकर बताया भी जाता है कि सन् 1631- सन् 1653 के बीच ताज का निर्माण कार्य चला.

For original post in English, visit Taj Mahal is a Shiva Temple – 100 evidences (Part 4)

[mybooktable book=”great-rulers-india” display=”summary” buybutton_shadowbox=”false”]

From: Works of P.N. Oak

Series Navigation

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
91,924FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
Give Aahuti in Yajnaspot_img

Related Articles

Categories