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ताजमहल एक ज्योतिर्लिंग मन्दिर – सौ प्रमाण (भाग नौ)

This entry is part [part not set] of 14 in the series ताज महल - एक ज्योतिर्लिंग मंदिर

हिन्दू शैली की गुम्बद

62. ताज का गुम्बद आवाज़ को प्रतिध्वनित करने वाला गुम्बद है। एक कब्र में जहाँ ख़ामोशी और सन्नाटा पसरा होना चाहिए वहां ऐसे गुम्बद का होना बेतुकापन है। इसके विपरीत हिन्दू मंदिरों में ध्वनी को गुंजायमान करनेवाले ऐसे गुम्बदों की आवश्यकता होती है क्योंकि हिन्दू देवताओं की पूजा-आरती इत्यादि में घन्टे, शंख, मृदंग और बांसुरी इत्यादि प्रयुक्त होते हैं। हिन्दू मन्दिरों में आवाज़ को प्रतिध्वनित और वृद्धि कर भावविभोर करनेवाला नाद निर्माण करने के लिए ऐसे गुम्बद बनाए जाते हैं।

63. ताज के गुम्बद का शिखर कमल की आकृति वाला है। जबकि मूलतः इस्लामिक गुम्बद गंजे होते हैं, मिसाल के तौर पर जैसे हम चाणक्यपुरी दिल्ली में स्थित पाकिस्तान दूतावास की इमारत का या पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद की इमारतों के गुम्बद देख सकते हैं।

64. ताज के प्रवेश द्वार का मुख दक्षिण की ओर है। जबकि ताज यदि इस्लामिक इमारत होती तो उसका प्रवेश द्वार पश्चिम दिशा के सम्मुख होता।

कब्र मजार होती है, इमारत नहीं

65. एक प्रचलित मिथ्या बोध के अनुसार इमारत को ही मजार समझ लिया गया है। आक्रान्ता इस्लाम ने विश्व में जहां भी अपने पांव पसारे वहां की इमारतों पर कब्ज़ा कर उस में कब्रें बनाने का काम किया। इसलिए अब लोगों को यह समझना होगा कि हथियाई गई इमारतों में कब्रें बाद में बनाई गई हैं न कि लाश दफ़नाने के बाद उस के ऊपर इमारत बनाई गई है, जैसे कब्र पर मिट्टी का टीला बनाते हैं। अतः वे इमारत को कब्र का टीला या मजार मानने का भ्रम न पालें। ताज के बारे में भी यही सच है।एक बार को मानने के लिए हम यह मान भी लें कि मुमताज़ ताज में दफनाई गई है, परन्तु इसका यह मतलब बिलकुल नहीं है कि सारा ताज ही उसकी कब्र का टीला या उसकी मजार या मकबरा है।

66. ताज एक सात मंजिला इमारत है। औरंगज़ेब ने भी शाहजहां को लिखे अपने एक पत्र में इसका जिक्र किया है। संगमरमरी ताज की चार मंजिलें हैं। जिसमें शामिल है – शीर्ष में चबूतरे पर बना हुआ एक भव्य प्रमुख कक्ष और तहखाने में स्थित एक कक्ष। इन दोनों के मध्य दो मंजिलें और हैं जिन में बारह से पंद्रह विशाल कमरे हैं। इन चार संगमरमरी मंजिलों के नीचे लाल पत्थरों से बनी हुई दो और मंजिलें हैं, जो कि पिछवाड़े में नदी किनारे तक चली गई हैं। उन्हें नदी तट से देखा जा सकता है। सातवीं मंजिल नदी स्तर से नीचे बनी हुई है, क्योंकि सभी प्राचीन हिन्दू इमारतों में अनिवार्यतः एक भूमिगत मंजिल हुआ करती थी।

बाईस कमरे

67. संगमरमरी चबूतरे के ठीक नीचे लाल पत्थरों वाली इमारत के अन्दर नदी प्रवाह की सीध में बाईस कमरों की एक कतार है। जिनके झरोखे शाहजहां ने बंद करवा दिए थे। शाहजहां द्वारा उजाड़े गए इन कमरों पर भारतीय पुरातत्व विभाग ने ताले जड़ रखे हैं। जन-साधारण को इससे अनजान रखा जाता है। इन कमरों की छतों और दिवारों पर अभी भी हिन्दू रंग लगा हुआ है, इन कमरों की बगल में 33 फीट लम्बा एक गलियारा है। इस गलियारे के दोनों सिरों पर दरवाजों की चौखट लगी हुई है,जिन्हें एक साजिश के तहत ईंट और चूने से बंद करवा दिया गया है।

68. पता चलता है कि मूल रूप से शाहजहां द्वारा बंद करवाए गए ये प्रवेशद्वार उसके बाद कई बार खोले गए और पुनः बंद किए गए हैं। सन् 1934 में दिल्ली निवासी एक पर्यटक ने प्रवेशद्वार के ऊपरी भाग की एक दरार से अन्दर झांककर देखा था। अन्दर एक विशाल कक्ष और उसका नजारा देखकर वे चक्कर में पड गए और सहम-से गए थे। उस कक्ष में शिव की शीश कटी मूर्ति के चारों ओर कई मूर्तियों का ढेर पड़ा हुआ था। हो सकता है कि शायद वहां कई संस्कृत शिलालेख भी हों।

ताज की सभी सातों मंजिलों के कक्ष खुलवाए जाने चाहिएं और वहां साफ़-सफाई करवाकर बारीकी से प्रत्येक चीज़ का निरीक्षण किया जाना जरूरी है। ताकि उनमें छुपी देव मूर्तियां, हिन्दू चित्र, संस्कृत शिलालेख, ग्रन्थ, सिक्के और बरतन इत्यादि के प्रमाणों का ठीक-ठीक पता लग सके।

69. ताज की बंद मंजिलों में तो हिन्दू चित्र, देव मूर्तियां इत्यादि छुपे हुए हैं ही परन्तु यह भी पता चला है कि ताज की विशाल दिवारों में भी देव मूर्तियां कैद हैं। सन् 1959 से सन् 1962 तक जब श्री एस.आर.राव ताज के पुरातत्व अधिकारी थे, तब उन्हें ताज के बीचवाले अष्टकोणी कक्ष की दीवार में लम्बी-चौड़ी दरार दिखाई पड़ी। जब उस दीवार का एक हिस्सा, दरार की जांच-पड़ताल करने के लिए तोडा गया तो अचानक अन्दर से संगमरमरी मूर्तियां बाहर झांक पड़ीं। परन्तु इस घटना को वहीँ दबा दिया गया और वे देव मूर्तियां वापस वहीँ बंद कर दी गईं जहां शाहजहां ने उन्हें दीवार में चिनवाया था। इस बात की पुष्टि कई जगह से हो चुकी है। जब मैंने ताज की पूर्वकालिक घटनाओं का अनुसन्धान शुरू किया तब यह भूला बिसरा राज मेरे सामने आया था। ताज के एक राजमन्दिर होने का इस से बड़ा प्रमाण और क्या होगा? ताज के बंद कक्ष और दिवारें अब भी उन देव मूर्तियों को अपने अन्दर समेटे हुए हैं, जो शाहजहां द्वारा हडपे जाने से पूर्व ताज में शोभायमान हुआ करती थीं।

For original post in English, visit:  Taj Mahal is a Shiva Temple – 100 evidences (Part 9)

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